कविता: मुझे तलाश है ऐसे पुरुष साथी की, जो..!
मुझे तलाश है ऐसे पुरुष साथी की.. जो ख्वाबों में नहीं , विचारों में नहीं , बल्कि कर्मों स…
मुझे तलाश है ऐसे पुरुष साथी की.. जो ख्वाबों में नहीं , विचारों में नहीं , बल्कि कर्मों स…
अपने हिस्से की ज़मीन और अपने हिस्से का आसमान तलाशती अपनी शर्तों पर जीती लड़कियां …
सखियों तुम समझदार बनो.. ! कल्पना लोक में जीना अब छोड़ दो। प्रेम की परिभाषा बदलकर तो देखो …
अभी थोड़ा कम तपी हूं अभी और तपना बाकी है अभी और निखरना बाकी है हां मैं सोना हूं थोड़ा…
स्त्री सौन्दर्य के मानक.. लम्बे केश , धवल वर्ण , तीखे नैन , गुलाबी ओष्ठ , उन्नत वक्ष , …
अस्तित्वहीन हो जाती है स्त्री जब लेती है निर्णय अकेले चलने का। उसका अर्जित अर्थ , प…