भारत में प्रेम की बात हो या सेक्सुअलिटी की, वैवाहिक संबंधों की बात हो या सामाजिक जिम्मेदारी निभाने की।
स्त्री पुरुष के लिए मानदंड में एक भेदभाव रहा है। प्रेम को लेकर समाज की हर तरह
की वर्जनाएं हैं। लैंगिक भेदभाव, दहेज़-प्रथा, घरेलू हिंसा, ऑनर किलिंग आदि कितने ही रूप प्रेम को
कलंकित करते हैं। ऊपर से जाति-भेद और पितृसत्ता के जटिल संरचना से एक ऐसा सामंतवादी
समाज बनता है, जो स्वतंत्र तथा समानतावादी समाज के निर्माण
में बाधक है।
ऐसे में एक ऐसे समाज की कल्पना है जिसमें स्त्री-पुरुष स्वतंत्र रूप से अपनी
जिम्मेदारियों को निभाते हुए प्रेम कर सकें। स्त्री तथा पुरुष एक दुसरे पर
शासन-शोषण करने की जगह साथी और मित्र की भूमिका में हों। ऐसे समाज में जाति-धर्म
से ऊपर उठकर प्रेम को साकार करने की खासियत हो। जहाँ दहेज़, घरेलु हिंसा, लैंगिक भेदभाव, बलात्कार, ऑनर किलिंग, जबरदस्ती शादी करवाना आदि का नामोनिशान नहीं हो।
भले ही यह एक यूटोपिया हो, पर हम ऐसा ही समाज बनाना चाहते हैं। यह तबतक संभव नहीं है, जब तक इसके लिए
युवा पीढ़ी आगे नहीं आती। ऐसे युवा जो नए विचारों से लैस हों, जिसमें मानवीय मूल्य
की प्रधानता हो। युवा जो इंसानियत की समता, स्वतंत्रता,
प्रेम और तर्कशील समाज गढ़ने में विश्वास करते हों।
इसी उद्देश्य से नए साल में एक ऐसा ऑनलाइन प्लेटफार्म बनाने की चाह थी, जिससे
नए विचार अधिक से अधिक युवाओं में प्रसारित हो पाए। यह काम आसान नहीं है और न ही
किसी एक युवा के बूते की बात है। इसी उद्देश्य से इस वेबसाइट की शुरुआत की गई है। यह पूरी तरह से नॉन-प्रोफिट और इसकी सफलता के लिए, हमें आपका साथ चाहिए। किसी भी प्रकार सहयोग करने के लिए कृपया सम्पर्क
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