क्या समाज में ब्याह नामक ‘जंजीर’ लड़की के लिए अनिवार्य है?
बेटी के जवान होते ही पिता की औकात ( औकात अपनी चादर की) के हिसाब से लड़का ढूंढने लगना। लड़की क…
बेटी के जवान होते ही पिता की औकात ( औकात अपनी चादर की) के हिसाब से लड़का ढूंढने लगना। लड़की क…
अस्तित्वहीन हो जाती है स्त्री जब लेती है निर्णय अकेले चलने का। उसका अर्जित अर्थ , प…
जिसका ज़मीर ज़िंदा है वो खलल में है जिसका मर गया वो महल में है किताबों में जो पढ़ा, वो …