कविता: जुझारू लड़कियां मुझे अच्छी लगती हैं
अपने हिस्से की ज़मीन और अपने हिस्से का आसमान तलाशती अपनी शर्तों पर जीती लड़कियां …
अपने हिस्से की ज़मीन और अपने हिस्से का आसमान तलाशती अपनी शर्तों पर जीती लड़कियां …
सखियों तुम समझदार बनो.. ! कल्पना लोक में जीना अब छोड़ दो। प्रेम की परिभाषा बदलकर तो देखो …
जिसका ज़मीर ज़िंदा है वो खलल में है जिसका मर गया वो महल में है किताबों में जो पढ़ा, वो …