कविता: जुझारू लड़कियां मुझे अच्छी लगती हैं
अपने हिस्से की ज़मीन और अपने हिस्से का आसमान तलाशती अपनी शर्तों पर जीती लड़कियां …
अपने हिस्से की ज़मीन और अपने हिस्से का आसमान तलाशती अपनी शर्तों पर जीती लड़कियां …
चारदीवारी में औरत को क़ैद करके सिर्फ घर के कामकाज और बच्चों को ही संभालने पर नियमित रखने के ब…
सखियों तुम समझदार बनो.. ! कल्पना लोक में जीना अब छोड़ दो। प्रेम की परिभाषा बदलकर तो देखो …
स्त्री सौन्दर्य के मानक.. लम्बे केश , धवल वर्ण , तीखे नैन , गुलाबी ओष्ठ , उन्नत वक्ष , …