इश्क़ में होना इंसान के ज़िन्दा होने की निशानी है

इश्क़ की अपनी एक खुशबू होती है, अपना अलग ही एक एहसास होता है, इश्क़ में होना जैसे इबादत में होना होता है, हां वहां इंसानों द्वारा काल्पनिक ईश्वर की इबादत की जगह किसी जीते जागते शख़्स की इबादत होती है।

अभिषेक गुप्ता की तस्वीर फेसबूक से।  

अगर आप सच में ही इश्क़ में हैं, या कभी रहे हैं तो एक बात तो तय है, आप इंसान होने के बहुत करीब होते हैं, आप दयालु होते हैं, आप दूसरों के दर्द को अपना बना लेने का हुनर पैदा कर लेते हैं, आपको ये करना अच्छा लगने लगता है।

आप इंसानी बस्तियों की बनाई हर सीमा (धर्म, जाति, अमीर, गरीब, काला, गोरा, रंग, रूप आदि) को लांघते हैं, उसको लांघने का साहस भी आपको तभी होता है, सही सही जब आप इश्क़ में होते हैं।

किसी की चुप्पी जब आपसे बातें करने लगती है, जब किसी की आंखें आपको सब कुछ बताने लगती हैं, किसी के होंठ बिना बोले ही सब कह देते हैं, किसी का दर्द जब आपको अपना सा लगने लगता है, किसी की आंखों से बहते आंसू आपको अपनी बहती हुई आंखें महसूस होने लगती हैं, असल में तब आप इश्क़ में होते हैं।

इश्क़ में होना इंसान के हक़ीक़त में एक ज़िन्दा इंसान होने की निशानी भी है, अगर आप सिर्फ वही करते हैं, जो आपका दिमाग कहता है, तो आप इश्क़ में नहीं हो सकते। क्यों कि इंसानी दिमाग नफ़ा नुकसान का हिसाब करने के बाद कुछ करने या ना करने का फैसला करता है। लेकिन आपका दिल आपको वो करने की इजाजत देता है, जो सच में आप चाहते हैं, दिल कभी दिमाग की तरह कोई फिल्टर इस्तेमाल नहीं करता...।

हां, कई बार दिल की बातें मानकर आपको निजी ज़िंदगी में सामाजिक नुकसान उठाने पड़ते हैं। लेकिन वो आपके अंदर के निजी नुकसान से कहीं कमतर होता है। किसी के साथ होने का एहसास भर ही अगर आपको खुशी से भर देता है, तो यह खूबसूरत एहसास ही इश्क़ है, यह एहसास किसी को या किसी से कुछ पा लेने वाला नहीं है।

इश्क़ आपको लचीला, शालीन, भावुक बनाता है और ये सब एक इंसान होने के लिए बहुत जरूरी है, अगर बकाई आप इश्क़ में हैं, तो आप एक खुशकिस्मत इंसान है। क्योंकि दुनिया में सबको इश्क़ से दो चार होने का मौका नहीं मिलता, और सामाजिक, धार्मिक कुंठाओं से भरे हुए लोगों को तो बिल्कुल नहीं।

अगर आपने यह सब पढ़ लिया है, तो जाइए आज से अभी से अपने दिल को आजाद कीजिए, अपने घर वालों के डर से, अपने पड़ोसियों के टोकने से, इंसानी बस्तियों के बांधों से और फिर निखरता हुआ देखिए खुद को अंदर से, उस खुशबू को खुद को छूने दीजिए, उस एहसास को अपने करीब आने दीजिए...। जिसको कहते हैं इश्क़...।


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