लड़कियों तुम कोई पुनर्वास केंद्र थोड़े ही हो !

तस्वीर ‘इंडियन एक्सप्रेस’ से साभार 

सुनो लड़कियों !
नए साल पर मेरी एक सलाह मानना, अगर सही लगे तो।     
जीवनसाथी सोच समझ कर ही चुनना। 

जिस साथी के साथ तुम्हें पूरा जीवन बिताना है 
उसको बिना किसी दबाव के अच्छी तरह जांच परख लेना। 

कुछ प्रतिशत तक तो समझौता किया जा सकता है। 
लेकिन अगर तुम से कोई यह कहे कि 
अरे ! शादी के बाद तुम अपने तरीके से ढाल देना बंदे को।
सुधार देना उसकी आदतों को।  
अपने प्यार दुलार से बदल देना उसको। 
बदल जाएगा वह 

..तो कभी विश्वास ना करना
ऐसी बातों पर। 
क्यूँ कि बाद वाला सीन बहुत कम केस में सही निकलता है।

जूलिया रॉबर्ट्स के शब्दों में

"औरतों..! 

तुम बिगड़े हुए आदमियों के लिए कोई पुनर्वास केंद्र थोड़े ही हो। 
यह तुम्हारा काम नहीं कि उसे ठीक करो 
उसे बदलो, उसके माता-पिता बनो या उसे आगे बढ़ाओ। 

तुम्हें जीवनसाथी चाहिए..! 
ना कि कोई प्रोजेक्ट (परियोजना)।"


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