सुनो लड़कों..!


सुनो लड़कों..!

ये तुम जो लड़कियां रिझाने-पटाने के लिए। 
उसकी कमियां नज़र अंदाज़ करते हो।

खर्चे व नख़रे झेलते हो ना!  ..ये बंद कर दो।
महंगे महंगे गिफ़्ट, शॉपिंग का लालच, मॉल में घूमना।
खिलाना-पिलाना, पैसे उधार ले कर उसे घुमाना।
ये सब करना बंद करो।

क्योंकि तुम्हारी ये आदत भविष्य बिगाड़ रहा है, दोनों का।

फिर दोनों के बीच से प्रेम ग़ायब हो कर,
सिर्फ इच्छापूर्ति का साधन बन जाते हो।

उन्हें ‘बिल पे’ करने के लिए प्रेरित करो।
लड़की को उसके खर्चे स्वयं पूरे करने के लिए प्रेरित करो।
उसकी गलतियां बताओ। उसकी कमी को दूर करो।

विमर्श में साथ खड़े कर के बहस करो।
उससे राजनीति पर खूब चर्चा करो।
अपने साथ उसका भी बौद्धिक स्तर ऊंचा करो।
साहित्य की गोष्ठियां करो....

उसके द्वारा लिए गए निर्णयों का सम्मान व समर्थन करो।
गलत को गलत व सही को सही कहो।

लड़की की खुशी के लिए उसकी हां में हां मत मिलाओ।
उन्हें साथ खड़े होने और कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए स्पेस दो।

फिर देखना मित्रता हो या प्रेम  कितना प्रभावी व गहरा होता है।

गीतांजली गीत

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