बुद्धि व चेतना सिर्फ मर्दज़ात के पास नहीं; मामला परवरिश और अवसर का है
चारदीवारी में औरत को क़ैद करके सिर्फ घर के कामकाज और बच्चों को ही संभालने पर नियमित रखने के ब…
चारदीवारी में औरत को क़ैद करके सिर्फ घर के कामकाज और बच्चों को ही संभालने पर नियमित रखने के ब…
आप घर से कहीं बाहर जा रही हैं ? एक मर्तबा घड़ी देख लें , यदि शाम के सात से ज्यादा वक्त हो चुका है…
बेटी के जवान होते ही पिता की औकात ( औकात अपनी चादर की) के हिसाब से लड़का ढूंढने लगना। लड़की क…